उन तत्वों का एकमात्रा लक्ष्य रूस को नितांत दुर्बल बनाना था।
2.
सत्ता की ललक, व्यक्तिगत लाभों के लिए सत्ता का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार, संस्थाओं को दुर्बल बनाना, राजनीतिक दलों में गुटबंदी तथा अनुशासनहीनता, जनता के हितों तथा कल्याण की अनदेखी-इन्होंने उन उच्च आदर्शों जो कभी लोगों को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करते थे, को पूरी तरह नहीं तो काफी हद तक बदलकर रख दिया है।